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माँ आधारित कविता

मातृ छवि!

"अजय विषकर्मा" द्वारा रचित 'कविता' "मातृ छवि" भविष्यरुपी रेलवे के लिए टी.सी बहुत मिले हैं । संयमी कुशाग्रबुद्धि चालक आप जैसी कोई नहीं  ।।
हिन्दी कविता माँ

माँ

जतीन चारण द्वारा रचित कविता "माँ", मैंने वक्त को गुजरते देखा है, बहुतों को बदलते देखा है। बहुतों की जिंदगी में, मां की कमी को खलते देखा है।