Tag: हिन्दी कविता

शिवाजी की कविताएं

रौशनी

अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “रौशनी”, ढूंढना चाहा मैंने भी अपनों के बीच अपने आप को,उम्मीद की रोशनी आई, तो देखा कि यहां अंधेरा है।

कविता और शायरी

कर्म हैं सबके

रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “कर्म हैं सबके “, कौन कहता है,ये उल्फतों की दुनिया बड़ी दर्द भरी है,सुन के कांटो में गुलाब खिलखिलाने लगे।

हिन्दी कविता

हौसला बेमिसाल रखती हूँ

“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “हौसला बेमिसाल रखती हूँ “, बचा कुछ नहीं ,सब टूटा-टूटा बिखरा है फिर भी न जाने क्यों,उसे दिल से लगाए रखती हूँ।