हौसला बेमिसाल रखती हूँ
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “हौसला बेमिसाल रखती हूँ “, बचा कुछ नहीं ,सब टूटा-टूटा बिखरा है फिर भी न जाने क्यों,उसे दिल से लगाए रखती हूँ।
कविता और शायरी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं! हिंदी में लिखी गई एक कविता को उर्दू में कविता कहा जाता है, इसे शायरी कहा जाता है। यहां आपको देशभक्ति शायरी, प्रेम शायरी, प्रेरक शायरी, माँ की शायरी, आदि मिलती है।
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “हौसला बेमिसाल रखती हूँ “, बचा कुछ नहीं ,सब टूटा-टूटा बिखरा है फिर भी न जाने क्यों,उसे दिल से लगाए रखती हूँ।
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “मैं तुम्हारी पत्नी हूँ”, मेरी ही तरह ,मेरी आवाज के नीचे, तुम्हारी अवाज दब जाएगी पर क्या फायदा।।
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “मसला कुछ भी नहीं हमारे दरमियान “,आज हालात इतने बिगड़े है कि घर को घर नहीं, मैदाने जंग बना रखा है
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “अरे बात को समझिये”,जिसकी बोलती रहे बंद ,जी हजूरी करे, ऐसी बिना सींघ वाली गाय होनी चाहिए।
“प्रिया गुप्ता” द्वारा रचित कविता “फूल की सीख”,रह कर कांटों के मध्य भी,ये नहीं कभी शोक मनाते हैं।महकते इसलिए सभी को भाते हैं।
“प्रिया गुप्ता” द्वारा रचित कविता “प्रतीक्षा”,इक अनकहा सा इंतजार होता है, हालातों में जहाँ। सब कुछ मुश्किल, अनिश्चित और दुश्वार होता है।।
“प्रिया गुप्ता” द्वारा रचित कविता “नारी तुम शक्ति हो”,तुम ग्रंथ हो तुम ही कथा हो, नारी तुम ही अपनी व्यथा हो।।
“प्रिया गुप्ता” द्वारा रचित कविता “आईना”,आईना तो बस नज़र का धोखा हैं। नज़र वही आता हैं जो दिल में होता हैं।।
निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “यार मैं गलती करता हूँ “,मासूम दिखा सहयोग किया। उसी ने दिल पर बार किया।।फिर भी,क्यों ना चेहरे पढ़ता हूँ।
निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “प्रेम”,जी भर ना दीदार हुआ हैबेशक उसका मुद्दत से।लेकिन उसको चाहा है,मैने बड़ी ही शिद्दत से।।