Category: प्रेम रस की कविताएं

प्रेम रस की कविताएं

हिन्दी कविता और शायरी

मोहब्बत

अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “मोहब्बत”, बिखर कर खुद में, खुद को ही ढूंढ रहे हैं।ख्वाबों में उस मंजर को हम भी ढूंढ रहे हैं।।

कविता और शायरी

दीवानगी

अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “दीवानगी”, बनाई थी मैंने जो, उजड़ गया वह ठिकाना सारा। अब किसके दर जाए यह बेचारा दीवाना प्यारा।।

कविता और शायरी

कर्म हैं सबके

रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “कर्म हैं सबके “, कौन कहता है,ये उल्फतों की दुनिया बड़ी दर्द भरी है,सुन के कांटो में गुलाब खिलखिलाने लगे।