Polycystic Ovarian Disease

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आज दुनिया मंगल पर पहुंच चुकी है। आपने भारत के मंगल यान की कहानी तो देखी और सुनी ही होगी। इस टीम में महिलाओं को संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा थी। महिलाएं हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रहीं हैं। लेकिन हर बार महिलाओं को अपने करियर की कीमत अपने गिरते स्वस्थ से चुकानी पड़ती है। बहुत सारी महिलाएं कम उमर में ही बहुत सारी बीमारियों का शिकार हो जाती हैं।

आज हम बात करने जा रहे है एक ऐसी बीमारी की जिससे अधिकतर महिलाएं अनजान हैं। इस बीमारी का नाम है PCOD या Polycystic Ovarian Disease

Polycystic Ovarian Disease

PCOD मतलब यानी कि Polycystic Ovarian Disease इसके नाम से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि ये अंडाशय (Ovary) से जुड़ी कोई समस्या है। ये एक ऐसी समस्या है जिसमें औरतों का प्रजनन अंग यानी कि ovary (जो eggs का निर्माण करता है)सही से कम नहीं करती। ovary ही हार्मोन्स (progesterone और estrogen) पैदा करती है। जब ovary PCOD का शिकार हो जाती है तो वो अपना ये basic कार्य भूल जाती है और बहुत सारी संख्या में immature eggs बनाने लगती है।

ये eggs ovary में ही जमा होने लगते है और धीरे-धीरे एक गांठ का रूप ले लेते हैं। जिससे ovary का आकार बड़ा हो जाता है और वो बड़ी संख्या में Male हार्मोन Androgen का निर्माण करती है। इसी Androgen हार्मोन के ज्यादा होने से periods irregular होने लगते हैं। साथ ही बाल झड़ने लगते है और शरीर का भार भी बढ़ने लगता है।

PCOD के लक्षण

  • शादी के काफी समय बाद भी अगर आप गर्भ धारण नहीं कर पा रही या periods सही नहीं आ रहे हैं, तो ये PCOD के लक्षण हैं।
  • आपका wait लगातार बढ रहा है। तो आप PCOD का शिकार हो सकती हैं।
  • इतना ही नहीं अगर आपके बाल लगातार झड़ रहे हैं और मुहाँसे भी आ रहे है, तो भी PCOD इसकी वजह हो सकती है।
  • हम आप को बता दें कि PCOD की समस्या इतनी बढ चुकी है कि दुनिया में 10% औरतें इसका शिकार हैं। और ये आंकड़े उन औरतों के हैं जिनको इस बीमारी का पता चल चुका है। इसके अलावा ऐसी कई औरतें होंगी जिनको इसके बारे में पता ही नहीं होगा।
PCOD

किसी-किसी मामले में तो ऐसा भी लगता है कि Periods बन्द ही हो गए है या किसी को रक्त स्राव बहुत ज्यादा होता है। साथ ही शरीर के कुछ हिस्सों में अतिरिक्त बाल भी उगने शुरू हो जाते है जैसे पीठ, पेट, Chest और face पर। चेहरे के अलावा पीठ और गले में भी मुंहासे आ जाते है। त्वचा काली पड़ने लगती है।

क्यों हो जाता है PCOD

भागदौड़ भरी जिंदगी। सही आहार न लेना और अपने स्वस्थ पर कम ध्यान देने से बाकी बीमारियों कि तरह ये बीमारी भी औरतों में बढ़ती जा रही है। इस बीमारी में सबसे बड़ी समस्या ये है कि औरतें हर चीज का अलग-अलग इलाज करवाती रहती है। अगर बालों की समस्या होती है तो डॉक्टर के पास पहुंच जाती है और  wait कम न होने पर जिम या डाइटीशियन का सहारा ले लेती हैं। ऐसे में इस बीमारी का पता चलने में काफी देर हो जाती है।

PCOD किस उम्र तक हो सकता है?

15 से 45 वर्ष के बीच कि कोई भी महिला PCOD का शिकार हो सकती है। आप सतर्क रहें और अपने आस पास कि औरतों का भी ध्यान रखें। खास कर वो महिलाएं जिनके घर में मां, दादी, मौसी आदि कोई PCOD का शिकार हुई है तो आप भी इसका शिकार बन सकती है। इसी situation में आगे चलकर Diabetes जैसी गम्भीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

PCOD से कैसे लड़ा जा सकता है

अगर PCOD से लड़ना है तो जागरूक होना पड़ेगा इसके लक्षणों को पहचानना पड़ेगा। निरन्तर स्वस्थ कि जांच करवानी होगी। नहीं तो इससे गर्भ धारण में तो समस्या आएगी ही साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि कभी गर्भ धारण कर है ना सको। साथ ही अन्य समस्याएं भी आएंगी। इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी ही आपको इस बीमारी से बचा सकती है। इसलिए अगर आपके PERIODS IRREGULAR आ रहे है, चेहरे पर मुंहासे है और पिछले कुछ महीनों से गर्भ धारण में समस्या आ रही है, तो तुरंत ही स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें।

चर्चा करें 

मासिक धर्म से सम्बन्धित सभी समस्याओं से निजात पाने का एक ही हल है हमें इन सब पर खुल कर चर्चा करनी होगी। ये तभी सम्भव है जब हम अपने साथी को समझे और खुल कर एक दूसरे से सब साझा करें। साथ ही ये जानने को भी कोशिश करें कि पहले आपके किसी सगे संबंधी को ये समस्या रही है क्या? जैसे मां, दादी, मौसी इत्यादि। ये सब जानकारी जब आप अपने चिकित्सक को बताएंगे तो उन्हें आपकी स्थिति को समझने में आसानी होगी। जितनी ज्यादा जानकारी आप चिकित्सक को देंगे उन्हें आपकी बीमारी को दूर करने में उतनी ही आसानी होगी।

जागरूक बनें

किशोरियों को और औरतों को PCOD के बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी हैं। क्योंकि समय पर इस बीमारी की पहचान और इलाज दोनों जरूरी हैं। इस बीमारी की अनदेखी करना घातक परिणाम ला सकता है।

आँकड़े

  • हालात कितने गंभीर है इस बात का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है की एक रिसर्च के मुताबिक तमिलनाडु जैसे बड़े राज्य में भी केवल 18% महिलाओं को ही इसके बारे में जानकारी है।
  • बात करें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की, तो यहां 8% से 22% महिलाओं को है इसकी जानकारी है। तो गांव देहात के हालात क्या होंगे? इस बात का आप अंदाजा लगा सकते है।
  • वहीं लखनऊ में कि गई STUDY से पता चला कि 18-25 तक की ज्यादातर लड़कियों में PCOD के लक्षण मिले लेकिन इसके बारे में जानकारी केवल 3.7% लड़कियों को ही थी।
  • चेन्नई जैसे मेट्रो शहर में भी इसकी जागरूकता 6% ही मिली। भारत में PCOD की जानकारी का अभाव इस कारण से भी है क्योंकि हम खुल कर इस मुद्दे पर बात ही नहीं करते। ऐसा नहीं है कि ये दिक्कत सिर्फ मोटी लड़कियों में ही देखी गई है। कई बार ये बीमारी पतली लड़कियों में भी देखी गई है।

घरेलू नुस्खे।

PCOD से बचने की सबसे बड़ा घरेलू नुस्खा तो ये है कि अपनी दिनचर्या में सुधार करें।  अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखें। fast-food से दूर रहें। नियमित व्यायाम करें और अपने भार को नियमित रखें। PCOD  की समस्या होने पर carbohydrate लेना बिल्कुल कम कर दें।  योग करें, ऐसे भी आसन हैं जिनसे PCOD से राहत मिलती है। सूर्य नमस्कार करें, तितली आसन करें,  भुजंगासन इत्यादि ये सब PCOD से राहत में सहायता करते हैं। फिर भी कोई भी आसन करने से पहले एक बार चिकित्सक से सलाह जरूर लें लें।

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योग करें, ऐसे भी आसन हैं जिनसे PCOD से राहत मिलती है। सूर्य नमस्कार करें, तितली आसन करें,  भुजंगासन इत्यादि ये सब PCOD से राहत में सहायता करते हैं। फिर भी कोई भी आसन करने से पहले एक बार चिकित्सक से सलाह जरूर लें लें।

PCOD का इलाज।

इसका कोई एक इलाज नहीं है। मतलब की इस समस्या से पीड़ित औरतों का इलाज उनकी समस्याओं के आधार पर किया जाता है। क्योंकि अलग-अलग महिला में इसके अलग लक्षण होते है। चिकित्सकों की माने तो इसका बेहतर इलाज है, इसकी समय पर पहचान हो जाना। इलाज के दौरान सबसे पहले सलाह दी जाती है सुबह सैर करने की, व्यायाम करने की और अपने खान-पान में सुधार करने की। इसके अलावा चिकित्सक अलग-अलग समस्याओं के आधार पर अलग-अलग नुस्खों और दवाइयों का सहारा लेते है।

मासिक धर्म

मासिक धर्म को नियमित करने के लिए cyclic harmonal treatment और ovulation induction medications का सहारा लेते है। अगर menopause से पहले ही मासिक धर्म बंद है जाए तो इस स्थिति को Amenorrhea कहा जाता है। इस पर चिकित्सक progestin की सलाह देते है जिसका इस्तेमाल Amenorrhea को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा कुछ मामलों में चिकित्सक गर्भ निरोधक दवाई खाने की सलाह भी दे सकते हैं।

गर्भ धारण

गर्भ धारण करने के लिए infertility treatment का सहारा लिया जाता है। अत्यधिक androgen हार्मोन को उत्पन्न करने वाली कोशिका को खतम करने के लिए कई बार laparoscopic surgery का सहारा लिया जाता है।

अनचाहे बाल

शरीर पर उगने वाले अनचाहे बालों को खत्म करने के लिए भी डॉक्टर नुस्खों और दवाइयों का सहारा लेते हैं।

लेकिन आपको अपने मन से किसी भी दवाई और treatment को शुरू नहीं करना है। आपको किसी भी शुरुआत से पहले चिकित्सक से सलाह लेना बेहद जरूरी है। हां अपने खान-पान और जीवनशैली में सुधार कर सकते है।

शादी और PCOD

वैसे तो शादी से PCOD का कोई सीधा सम्बन्ध नहीं है। किसी जमाने में ये माना जाता था कि अधिक उमर तक शादी न करने पर लड़कियों में ये समस्या हो सकती है। लेकिन ये भी देखा गया है कि कई लड़कियों में ये समस्या पहले मासिक धर्म के साथ भी शुरू हो जाती है। एक धारणा ये भी है कि शादी के बाद किसी को भी PCOD नहीं होता। लेकिन इस धारणा में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। औरतों में ये समस्या शादी के बाद भी हो सकती है। आपकी दिनचर्या का इस पर गहरा असर होता है। चिकित्सकों की माने तो काम काजी औरतों में ये समस्या ज्यादा पाई जाती है।

PCOD और सेक्स

साल में 9 से कम मासिक धर्म होना या दो मासिक धर्म के बीच में 35 दिन से ज्यादा का अंतर कोई अच्छी बात नहीं है। सेक्स का भी PCOD से लेना देना है। हां ये समस्या sexually active और inactive दोनों तरह की महिलाओं को है सकती है।

हां PCOD से महिलाओं की सेक्स लाइफ प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस भी औरत को PCOD है उसे अपने Sexually function की स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए। PCOD के कारण औरतों की सेक्स इच्छा में भी कमी आ सकती है। आप ये कह सकते हैं कि PCOD की समस्या निजी जीवन को भी प्रभावित करती है। क्योंकि अच्छे और आनंददायक जीवन में सेक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। आपके जीवन में सेक्स का अभाव, आपके जीवन को अशांत बना देता है। मतलब कि PCOD से आपके संबंधों में भी दिक्कतें आती है।

हमारा सुझाव

हम आपको ये ही सुझाव देना चाहेंगे कि PCOD के बारे में खुलकर बात करें। हिचकिचाएं नहीं। बचाव और लक्षणों के बारे में हमने आपको बता दिया है लेकिन अगर आपको इसकी समस्या है तो सबसे पहले जितनी जल्दी हो सके अपने नजदीकी व्यक्तियों से इसके बारे में चर्चा करें। हो सकता है आप बात करने से हिचकिचा रहे हो, अपने नजदीकी व्यक्तियों पर बोझ नहीं डालना चाहते हों, या आप को ये भी लग सकता है कि लोग क्या कहेंगे? लेकिन इन सब से आगे बड़ के इसके बारे में चर्चा करनी ही होगी। ताकि आप आगे आने वाली समस्याओं से निजात पा सकें और दिमागी तौर पर भी स्वस्थ रह सकें।

PCOS PCOD से भी एक कदम आगे बढ कर है PCOS कई बार लोग PCOS को भी PCOD ही समझ लेते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों के लगभग लक्षण एक जैसे ही होते हैं। PCOS पर विस्तार मे हम किसी दूसरे लेख मे चर्चा करेंगे। 

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Pooja Devi
Pooja Devi
1 year ago

Wonderful information …thanks

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