सच्चाई
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “सच्चाई”, सत्य के मार्ग में, बाधाएं हजार आती है।रुकावट एक बार नहीं, बार-बार आती है।।
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अन्य शायरी
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “सच्चाई”, सत्य के मार्ग में, बाधाएं हजार आती है।रुकावट एक बार नहीं, बार-बार आती है।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “रौशनी”, ढूंढना चाहा मैंने भी अपनों के बीच अपने आप को,उम्मीद की रोशनी आई, तो देखा कि यहां अंधेरा है।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “मेरे अल्फ़ाज़”, अब हमारे अल्फ़ाज़ को, तुम्हारी तरह पढ़ता कौन है।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “नई उम्मीद”, सुबह उठ फिर हम नई सूचियां बनाते हैं। शाम होते-होते सूची धूमिल हो जाती है।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “चिट्ठी का जमाना”, कितनी भी हो मीलों दूरियां, दिलों को दिलों के करीब लाती थी।
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “ढूंढ़ रहा हूं अपना गांव”, रहा नहीं वो बाग- बगीचा रहा नहीं कुआं -तालाब।
“उठ खड़ी है फिर से” एक व्यथा दीपा गोमी द्वारा रचित। टूटी वह भी है ,कौन जानता है। बिखरी कितनी दफा, उसका मन पहचानता है।
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “मसला कुछ भी नहीं हमारे दरमियान “,आज हालात इतने बिगड़े है कि घर को घर नहीं, मैदाने जंग बना रखा है
“प्रिया गुप्ता” द्वारा रचित कविता “प्रतीक्षा”,इक अनकहा सा इंतजार होता है, हालातों में जहाँ। सब कुछ मुश्किल, अनिश्चित और दुश्वार होता है।।
“प्रिया गुप्ता” द्वारा रचित कविता “आईना”,आईना तो बस नज़र का धोखा हैं। नज़र वही आता हैं जो दिल में होता हैं।।