Year: 2022

हिन्दू कविता

हिन्दु

“अचल ठाकुर” द्वारा रचित कविता “हिन्दू”, वे सोमनाथ प्रहारों को जिन्हे, आज भी भारत भूला ना । उन दिल्ली नरसंहारों पर, जब खून तुम्हारा खौला ना ।

हिन्दी कविता आयुर्वेद

आयुर्वेद का दीप जलाएँ

निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “आयुर्वेद का दीप जलाएँ”,आभूषण है वृक्ष धरा के, आओ धरती का श्रंगार करें। हर घर में एक पौधा रोपें, और प्रकृति से प्यार करें।।

हिन्दी कविता

क्या लिखूँ ? कुछ याद नहीं

निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “कुछ याद नहीं”, जीवन परीक्षा शुरू हो गयी, मै लिखने में अभी दक्ष नहीं। काँपी राइट जो कर सकूँ, ऐसा मिला है मुझको कक्ष नहीं

हिन्दी कविता अहंकार

अहंकार

निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “अहंकार”, सहज सरल मधुर वाणी का,रखता है जो चाव।कभी ना उपजे उसके हृदय,अहंकार का भाव।।

हिन्दी कविता

हर बेटी की पुकार

जतीन चारण द्वारा रचित कविता “हर बेटी की पुकार”, इस हद तक चला जाएगा इंसान। भगवान ने भी नहीं सोचा था। इतना बुरी तरह से गिर जाएगा इंसान,

नूरानांग की लड़ाई

राइफलमैन, वीरता की गाथा

यह कहानी भारतीय सेना के उस जवान की है, जिन्होंने अकेले ही चीनी सैनिकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह एक अज्ञात नायक है जिन्होंने चीनी सेना के खिलाफ दो रातों तक अकेले लड़ाई करते रहे। आज जिन्हे कुछ लोग जानते हैं और कुछ नहीं। ये कहानी है निस्वार्थ देशसेवा की और वीरता की।

हिन्दी कविता मानवता

✧༺मानवता༻✧

जतीन चारण द्वारा रचित कविता “मानवता”, भगवान ने इंसान को नहीं, इंसान ने भगवान को बनाया। अगर भगवान बनाता तो सिर्फ कर्म ही होता। यह जाति और यह धर्म न होता।

मातृत्व को समझें

आईए मातृत्व को समझें।

“मातृत्व” “नारी ईख की तरह है, जो हर हवा के झोंके की तरफ झुक जाती है, लेकिन टूटती नहीं है। जब लोग बार बार लिंग के बारे मे पूछते हैं या सलाहें देते हैं तो इससे माँ को तकलीफ होती है। “नारी ईख की तरह है, जो हर हवा के झोंके की तरफ झुक जाती है, लेकिन टूटती नहीं है।”

हिन्दी कविता माँ

माँ

जतीन चारण द्वारा रचित कविता “माँ”, मैंने वक्त को गुजरते देखा है, बहुतों को बदलते देखा है। बहुतों की जिंदगी में, मां की कमी को खलते देखा है।