हस्तमैथुन
अपने स्वयं के जननांगों को उत्तेजित करना ही हस्तमैथुन है। यह अक्सर तनाव को कम करता है, आनंद देता है और यौन संतुष्टि बढ़ा सकता है। किशोरावस्था में हस्तमैथुन एक सामान्य बात है।
जब हम बड़े होते हैं तो sexual urges का अनुभव करना शुरू करते हैं। ऐसे समय मे हमारा शरीर बहुत सारे बदलावों से गुजर रहा होता हैं। जब इसे सीमित मात्रा में किया जाता है, तो यह फायदेमंद हो सकता है। यह sexual urges को शांत करने और यौन संचारित संक्रमणों और बीमारियों को रोकने का एक आदर्श तरीका हो सकता है। लेकिन जब अत्यधिक हस्तमैथुन किया जाता है तो इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है जो की आजकल तेजी से बढ़ रहे है। यहां तक कि इंटरनेट के कारण छोटे बच्चे भी अब हस्तमैथुन करते है।
पुरुषों में हस्तमैथुन की लत
स्टडीज में पाया गया है कि लगभग 90 प्रतिशत लोग हस्तमैथुन करते हैं। 50% से अधिक पुरुष नियमित रूप से पोर्न देखते हैं और यह आदत हस्तमैथुन का रूप ले लेती है। पोर्न की लत और हस्तमैथुन साथ चलते हैं और ये एक गंभीर समस्या बन गई है। क्योकि इसकी आदत व्यक्ति के रोजमर्रा के कामों को प्रभावित करती है।
ऐसे में वे ये सोच कर परेशान रहते है की इस आदत को कैसे कम किया जाए या रोका जाए? चलिए बात करते है हस्तमैथुन के प्रभाव की।
ज्यादा हस्तमैथुन के बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव हैं जैसे :-
- लंबे समय तक डिप्रेशन
- खुद से घृणा
- थकान और कमजोरी
- काम मे मन न लगना
- यौन संवेदनशीलता में कमी
- अनिद्रा
- भूलने और एकाग्रता से सम्बंधित समस्याएं
- आत्मविश्वास मे कमी
- गुप्तांगों में जलन
- शीघ्रपतन
क्यों लगती है लत ?
हस्तमैथुन की लत में, दो प्रमुख केमिकल भूमिका निभाते हैं और वो है – डोपामाइन और एंडोर्फिन।
डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो खुशी और संतुष्टि की भावनाएं पैदा करता है। साथ ही यह नशे की लत में भी भूमिका निभाता है। जबकि एंडोर्फिन एक रसायन हैं जो दर्द और तनाव से निपटने के लिए तंत्रिका तंत्र द्वारा प्राकृतिक रूप से उत्पादित होते हैं। इन्हे अक्सर “फील-गुड” रसायन भी कहा जाता है क्योंकि वे दर्द निवारक और खुशी बढ़ाने के रूप में कार्य करते हैं।
जब व्यक्ति हस्तमैथुन करता है, तो शरीर डोपामाइन स्रावित करता है और व्यक्ति सुखद अनुभव करता है। यौन संतुष्टि के बाद, शरीर एंडोर्फिन का स्त्राव करता हैं, जिससे व्यक्ति तृप्त हो जाता है और कभी-कभी सोने का मन करता हैं।
भावनात्मक हस्तमैथुन
जब कोई व्यक्ति इन भावनाओं पर निर्भर हो जाता है, तनावपूर्ण स्थितियों या मानसिक समस्याओं से बचने के लिए हस्तमैथुन करता है, तो यह स्थिति हस्तमैथुन की लत का रूप ले लेती है। हस्तमैथुन की यह लत चिंता का कारण बन सकती है क्योकि ऐसे मे व्यक्ति परिस्थितियों का सामना करने की बजाय उनसे निपटने के लिए हस्तमैथुन को एक साधन के रूप मे देखना शुरू कर देता है।
कैसे पाना है छुटकारा?
अपने आप को कोसना बंद करें। कई लोग हस्तमैथुन करने के बाद घृणा महसूस करते है। याद रखें कि हस्तमैथुन की इच्छा वास्तव में एक प्राकृतिक है। इंसान के रूप में, हम हमेशा इन sexual urges का सामना करते रहेंगे। इनमें से कोई भी चीज आपको किसी व्यक्ति की तुलना में कम या ज्यादा योग्य नहीं बनाती है। अपने आप को निराशा में प्रवेश करने की अनुमति न दे। हस्तमैथुन की लत से होने वाले तनाव से बचने के लिए यह पहला सकारात्मक कदम है।
पोर्नोग्राफी से दूर रहें
उन चीजों को हटा दें जो आपको हस्तमैथुन करने का प्रलोभन देती है। हस्तमैथुन करने के लिए प्रलोभन देने वाली चीजों की सूची में शीर्ष पर पोर्नोग्राफी है।
इसलिए आपको सभी अश्लील सामग्री को अपने आस पास से हटाना होगा। साथ ही, आपको इस सामग्री तक अपनी पहुंच को नियंत्रित करना होगा ताकि आप दुबारा से इसकी ओर आकर्षित न हो। यदि आपको लगता है की आपको किसी खास समय या परिस्थिति मे हस्तमैथुन करने की तीव्र इच्छा होती है तो उस समय मे किसी अन्य चीजों में व्यस्त होने का प्रयास करें।
व्यायाम और कसरत करें
कुछ एक्स्पर्ट्स ऐसे मे व्यायाम करने की सलाह देते हैं। क्योंकि एक्सरसाइज करने से हार्मोन्स लेवेल बैलेन्स हो जाता है। यदि आप अपने अकेलेपन के परिणामस्वरूप अक्सर हस्तमैथुन करते हैं। तो अपने एकांत को सीमित करने के तरीके खोजें। इसके लिए अपने दोस्तो या परिवारवालों के साथ टाइम बिताए, अपनी hobbies पर ध्यान दे, किताबे या अखबार पढ़ सकते है, खेलने जा सकते है या वो काम करे जिससे आपको खुशी मिलती है।
जीवन को आकर्षक गतिविधियों से भरें।
अपने जीवन को आकर्षक गतिविधियों से भरें। जब हमारा दिमाग खाली होती है तो अक्सर हम नकारात्मक विचारो से घिर जाते है। ऐसे मे यह स्थिति अलग-अलग लत को जन्म दे सकती है जिसमे ज्यादा sexual urges भी शामिल है ।
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