🙏🏻 नारी तुम शक्ति हो🙏🏻
तुम ग्रंथ हो तुम ही कथा हो, नारी तुम ही अपनी व्यथा हो।।
तुम ही सौंदर्य की अभिव्यक्ति हो। सदा पूजनिय तुम एक शक्ति हो।।
नारी तुम श्रद्धा हो और भक्ति हो, सदा पूजनिय तुम एक शक्ति हो।
तुम गीता और रामायण हो, तुम सदा कृतव्य परायण हो।
तुम ग्रंथ हो तुम ही कथा हो, नारी तुम ही अपनी व्यथा हो।।
तुम ही सौंदर्य की अभिव्यक्ति हो। सदा पूजनिय तुम एक शक्ति हो।।
तुम चंचल एक चपला हो, गृहिणी तुम एक कमला हो।।
तुम ही कहलाती अबला हो, लेकिन तुम ही तो सबला हो।।
तुम ही तो प्यार की आशक्ति हो, सदा पूजनिय तुम एक शक्ति हो।।
सत्यवति तुम सतवन्ति हो, कुल मर्यादा लाजवन्ति हो।
रूप रंग गुणों की कान्ति हो, निश्छल भावों में शान्ति हो।।
तुम ही तो स्नेह की भी तृप्ती हो, सदा पूजनिय तुम एक शक्ति हो।।
रज,तम,सत गुण की खान हो, तुम ही सृष्टी की पहिचान हो।।
तुम आदम का अभिमान हो, जग जननी तुम ही महान हो।।
"प्रिया"लोभ मोह की विरक्ति हो। सदा पूजनिय तुम एक शक्ति हो।।
नारी तुम श्रद्धा हो और भक्ति हो, सदा पूजनिय तुम एक शक्ति हो।
✍🏻कवयित्री
प्रिया गुप्ता,”पिहू”
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✍प्रिया गुप्ता “पिहू”
दार्जीलिंग, पश्चिम बंगाल
[…] नारी तुम शक्ति हो आईना हिन्दु […]
[…] नारी तुम शक्ति हो आईना माँ […]