Tag हिन्दी कविता

शिवाजी की कविताएं

रौशनी

अभिषेक श्रीवास्तव "शिवाजी" द्वारा रचित कविता "रौशनी", ढूंढना चाहा मैंने भी अपनों के बीच अपने आप को,उम्मीद की रोशनी आई, तो देखा कि यहां अंधेरा है।
कविता और शायरी

कर्म हैं सबके

रौशन कुमार 'प्रिय' द्वारा रचित कविता "कर्म हैं सबके ", कौन कहता है,ये उल्फतों की दुनिया बड़ी दर्द भरी है,सुन के कांटो में गुलाब खिलखिलाने लगे।
नारी आधारित कविता

नारी की व्यथा

"नारी की व्यथा" एक कविता दीपा गोमी की डायरी से। देहदान का निश्चय भी आज मन में ठहर गया,अपनी इच्छा का सम्मान फिर से जैसे ढह गया।
हिन्दी कविता

हौसला बेमिसाल रखती हूँ

"मीनाक्षी कौर" द्वारा रचित कविता "हौसला बेमिसाल रखती हूँ ", बचा कुछ नहीं ,सब टूटा-टूटा बिखरा है फिर भी न जाने क्यों,उसे दिल से लगाए रखती हूँ।
हिन्दी कविता

मसला कुछ भी नहीं हमारे दरमियान 

"मीनाक्षी कौर" द्वारा रचित कविता "मसला कुछ भी नहीं हमारे दरमियान ",आज हालात इतने बिगड़े है   कि घर को घर नहीं, मैदाने जंग बना रखा है 
हिन्दी की बेहतरीन कविताएं

अरे बात को समझिये

"मीनाक्षी कौर" द्वारा रचित कविता "अरे बात को समझिये",जिसकी बोलती रहे बंद ,जी हजूरी करे, ऐसी बिना सींघ वाली गाय होनी चाहिए।