मोहब्बत
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “मोहब्बत”, बिखर कर खुद में, खुद को ही ढूंढ रहे हैं।ख्वाबों में उस मंजर को हम भी ढूंढ रहे हैं।।
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कविता और शायरी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं! हिंदी में लिखी गई एक कविता को उर्दू में कविता कहा जाता है, इसे शायरी कहा जाता है। यहां आपको देशभक्ति शायरी, प्रेम शायरी, प्रेरक शायरी, माँ की शायरी, आदि मिलती है।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “मोहब्बत”, बिखर कर खुद में, खुद को ही ढूंढ रहे हैं।ख्वाबों में उस मंजर को हम भी ढूंढ रहे हैं।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “नई उम्मीद”, सुबह उठ फिर हम नई सूचियां बनाते हैं। शाम होते-होते सूची धूमिल हो जाती है।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “दीवानगी”, बनाई थी मैंने जो, उजड़ गया वह ठिकाना सारा। अब किसके दर जाए यह बेचारा दीवाना प्यारा।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “चिट्ठी का जमाना”, कितनी भी हो मीलों दूरियां, दिलों को दिलों के करीब लाती थी।
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “संस्कृति – देश की पहचान”, तुम लड़ते हो भाई- भाई में उसने दुश्मन को सम्मान दिया।
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “हंसी के तराने”, यूँ न खड़ी किया करो शक की दीवारेंगलतफहमियां दूर करने के बहाने बहुत हैं।
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “तू बहन नहीं ! देवी स्वरूप”, ख्वाहिश हो हर तेरी पूरी। मगर समझना तू भी मज़बूरी
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “नजरों के नश्तर से दिल घायल होते हैं”, नजरों के नश्तर से दिल घायल होते हैं,वे पागल होते हैं, जो याद में रोते हैं।
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “ढूंढ़ रहा हूं अपना गांव”, रहा नहीं वो बाग- बगीचा रहा नहीं कुआं -तालाब।
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “कर्म हैं सबके “, कौन कहता है,ये उल्फतों की दुनिया बड़ी दर्द भरी है,सुन के कांटो में गुलाब खिलखिलाने लगे।