हर बेटी की पुकार
जतीन चारण द्वारा रचित कविता “हर बेटी की पुकार”, इस हद तक चला जाएगा इंसान। भगवान ने भी नहीं सोचा था। इतना बुरी तरह से गिर जाएगा इंसान,
जतीन चारण द्वारा रचित कविता “हर बेटी की पुकार”, इस हद तक चला जाएगा इंसान। भगवान ने भी नहीं सोचा था। इतना बुरी तरह से गिर जाएगा इंसान,
माँ जब चोट हमें लगे तो आंखें उसकी भर जाती है, जब आगे हम बढे तो हंसी उसके चेहरे पर छा जाती है। हर घड़ी वह हमारे साथ रहना चाहती है, वह मां है तेरी बस तेरे पास रहना चाहती है। हमको एक इंसान माँ ही तो बनाती है, इस संसार में लाकर यह संसार …
जतीन चारण द्वारा रचित कविता “दुनिया का अंत नजदीक”, यह मौत का काला बादल आ रहा है।हर जगह बस अंधेरा ही छा रहा है।लगता है दुनिया का अंत नजदीक आ रहा है।।
जतीन चारण द्वारा रचित कविता “कटु सत्य”, हमने महसूस किया अपने लिए, अपनों से लड़ना पड़ता है। और आदमी अच्छा था, यह सुनने के लिए मरना पड़ता है।