श्री रमेश चौहान, बिसलेरी के जनक

बिसलेरी

श्री रमेश चौहान के पास भविष्यवादी दृष्टिकोण, अदम्य इच्छाशक्ति, उग्र प्रवृत्ति और एक ज्वलंत जुनून था

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद 22 साल की उम्र में घर लौटने पर श्री रमेश चौहान के पास भविष्यवादी दृष्टिकोण, अदम्य इच्छाशक्ति, उग्र प्रवृत्ति और एक ज्वलंत जुनून था। हम बात कर रहे हैं, सबसे लोकप्रिय मिनरल वाटर ब्रांड “बिसलेरी” के जनक श्री रमेश चौहान जी की।  

श्री रमेश चौहान

रमेश चौहान जी का जन्म 17 जून, 1940 को भारत के मुंबई में पुरंधरे अस्पताल में श्री जयंतीलाल और श्रीमती जया चौहान के यहाँ हुआ था।

बिसलेरी की शुरुआत

हमेशा अपने समय से आगे रहने के लिए जाने जाने वाले, RJC ने 27 साल की उम्र में भारतीय बाजार में बोतलबंद मिनरल वाटर पेश करने का साहसिक कदम उठाया। वो भी ऐसे समय में जब इसे खरीदने के बारे में कोई सोचता भी नहीं था। तब पारले एक्सपोर्ट्स ने 1969 में एक इतालवी उद्यमी से बिसलेरी को खरीदा और भारत में मिनरल वाटर बेचना शुरू किया।

50 से अधिक वर्षों की विरासत के साथ, बिसलेरी इंटरनेशनल लिमिटेड भारत में सबसे बड़े प्रीमियम पेय व्यवसायों में से एक बन गया है।

बिसलेरी का विस्तार

कंपनी की 133 परिचालन संयंत्रों और भारत और पड़ोसी देशों में लगभग 4,000 वितरकों और 5,000 वितरण ट्रकों के एक मजबूत वितरण नेटवर्क के साथ एक मजबूत उपस्थिति है। अपनी दशकों की विशेषज्ञता, दृष्टि और नेतृत्व के कारण, बिसलेरी अब बोतलबंद मिनरल वाटर क्षेत्र में मार्केट लीडर हैं।

हाल ही में आई रिपोर्ट में कहा गया है कि बिसलेरी को वित्तीय वर्ष 2023 में 220 करोड़ रुपये का लाभ होने की उम्मीद है। कंपनी ने 2021 में 95 करोड़ रुपये और 2020 में 100 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया। फिर चौहान कंपनी को क्यों बेचना चाहते हैं?

बिसलेरी की बिक्री के कारण

बिक्री के कारणों के बारे में पूछे जाने पर, अस्सी वर्षीय व्यवसायी नेता ने कहा कि किसी को इसे संभालना होगा और इस पर गौर करना होगा। इस फैसले के पीछे की वजह बेहद भावुक कर देने वाली है।

वो खुद 82 वर्ष के हैं और अस्वस्थ चल रहे हैं और कंपनी की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी जयंती चौहान को बिसलेरी के कारोबार में कोई दिलचस्पी नहीं है और वो इस कंपनी को मरने नहीं देना चाहते है, इसलिए बेचने का फैसला लेना पड़ा।

टाटा कौ सौंपने का ही फैसला क्यों किया?

Bisleri को खरीदने के लिए रिलायंस और नेस्ले जैस कंपनियां रेस में थी, लेकिन बिसलेरी, टाटा को सौंपने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वो टाटा को जानते हैं। उनके काम और ईमारदारी से वो परिचित हैं। साथ ही टाटा का कल्चर और जीवन को लेकर उनके मूल्यों को वो पसंद करते हैं।

अन्य ब्रांड

रमेश चौहान ने कई अतिरिक्त ब्रांड भी पेश किए हैं, जिनमें वेदिका, थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माज़ा और लिम्का शामिल हैं, जो प्रीमियम प्राकृतिक मिनरल वाटर ब्रांड हैं। इसके अलावा, वह पीईटी (पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट) के पुनर्चक्रण और वर्षा जल संचयन में सक्रिय हैं।

पीईटी बोतलें एकत्र करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

पीईटी (पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट) पुनर्चक्रण श्री चौहान द्वारा वर्ष 1995 में शुरू किया गया था। यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए किया गया था और यह कूड़ा बीनने वालों के लिए अतिरिक्त आय का एक स्रोत भी बन गया। बिसलेरी की पहल के कारण एक वर्ष में 600 टन PET एकत्र किया गया है! बिसलेरी ने 2015 में 8 घंटे में सबसे अधिक मात्रा में पीईटी बोतलें एकत्र करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड अर्जित किया। इस पहल के परिणामस्वरूप बिसलेरी और स्कूली छात्रों ने 11 लाख प्लास्टिक की बोतलों का संग्रह किया।

चौहान ने मीडिया से कहा कि वह कारोबार में मामूली हिस्सेदारी भी नहीं रखेंगे। वह इस पैसे का इस्तेमाल वॉटर हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक रिसाइक्लिंग और चैरिटी में करेंगे।

श्री चौहान हमेशा बिसलेरी में लोगों के लिए एक आदर्श और प्रेरणा रहे हैं। सभी कर्मचारी उनके पसंदीदा उद्धरणों में से एक में पूरी तरह से विश्वास करते हैं “आपको बस एक अच्छा काम करना है, दूसरों की तुलना में बेहतर काम करना है, और स्वचालित रूप से आप बाकी से ऊपर उठेंगे और सर्वश्रेष्ठ बनेंगे।”

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