राष्ट्र सुरक्षा

लेख

राष्ट्र सुरक्षा

किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जो महत्वपूर्ण आवश्कताएं हैं , उस पर काफी मंथन करने के बाद मैंने उसे तीन श्रेणियों में बांटा है-

  • सीमा सुरक्षा
  • जन सुरक्षा तथा
  • आर्थिक सुरक्षा

सीमा सुरक्षा

सीमा सुरक्षा – किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता बनाए रखने के लिए  उसकी सीमा का सुरक्षित होना अनिवार्य है। सीमा की सुरक्षा के लिए देश भक्त जवानों की जरूरत तो है ही साथ ही साथ उनके पास अच्छे हथियारों का होना भी अतिआवशयक है ।

आज के दौर में देश की सेना को  थल , जल और नभ तीनों में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन  दुनिया के सामने रखना पड़ता है ।

अगर आप के युद्ध कौशल से दुनिया के बाकी  देश प्रभावित होंगे तब जाके कई देश आपकी ओर मैत्री का हाथ बढ़ाएंगे और दुश्मन आप की ओर देखने की हिम्मत नहीं करेगा।

इसके साथ ही साथ पड़ोसी देशों से मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाए रखना भी सीमा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है , क्यूंकि अगर ये पड़ोसी सीमा पर तनाव बनाए रखेंगे तो शासक का  ध्यान देश के बाकी कामों से हट कर सीमा सुरक्षा पर ही लगा रहेगा।

जन सुरक्षा

* जन सुरक्षा – राष्ट्र सुरक्षा के लिए राष्ट्र के लोगों की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है, क्यूंकि जहां जन का अस्तित्व नहीं , वहां राष्ट्र का भी कोई अस्तित्व नहीं , और वैसे स्थान को ही  हम निर्जन कहते हैं।

जन सुरक्षा से मेरा अभिप्राय है -जनता की मूलभूत आवश्यकताओं की सुरक्षा से , जो जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है।

जनता की आवश्कताएं सिर्फ रोटी , कपड़ा और मकान तक तो सीमित नहीं रही आजकल , लेकिन फिर भी इन सब चीजों के लिए भी वे कम से कम आत्मनिर्भर बनें , इतना तो होना ही चाहिए और इसके लिए उन्हें रोजगार की जरूरत होगी, सरकार को ऐसी

व्यवस्था करनी चाहिए कि लोग बेरोजगार न रहें , हलांकि भारत जैसे विशाल जनसंख्या समूह वाले देश में यह एक दुश्कर कार्य है , फिर भी जन सुरक्षा के लिए उपाय तो उन्हें करने ही चाहिए।

सबको रोजगार देना तो सरकार के बस की बात नहीं है, लेकिन लोग आत्मनिर्भर बन सकें , युवा अपने पैरों पर खड़ा हों, इसके लिए सरकार को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सस्ती ब्याजों पर ऋण प्रदान करे , इसके अलावा सरकारी क्षेत्रों में जो पद रिक्त हों , समय समय पर वकैंसी निकाली जाए, और बिना किसी धांधली के नियत समय पर योग्य उम्मीदवारों को बहाल किया जाए , नहीं तो युवा हताश हो जाएंगे, उनका आत्मविश्वास डगमगा जाएगा और जो लड़के देश का बोझ अपने कंधे पर ढोना चाहते हैं , एक दिन वही बागी बन जाएंगे।

इसके अलावा जन सुरक्षा के लिए  गरीबी और भुखमरी जैसी गंभीर समस्यायों से भी निपटना बहुत जरूरी है , साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था भी अच्छी स्थिति में होनी चाहिए , क्यूंकि ये दोनों भी राष्ट्र की तरक्की में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

आर्थिक सुरक्षा

* आर्थिक सुरक्षा- इससे मेरा अभिप्राय है-  देश की आर्थिक रूप से संपन्न हो, जिस देश की अर्थव्यवस्था जितनी सुदृढ़ होगी , वह उतना ही तरक्की करेगा और इसके लिए कृषि तथा उद्योग दोनों को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है।

किसी भी वस्तु का हम जितना अधिक उत्पादन करेंगे और जितनी  अच्छी गुणवत्ता देंगे , दुनिया में उसकी मांग उतनी ही अधिक होगी। अतीत में  भारत हाथ से तैयार की गई ऐसे ही गुणवत्तापूर्ण रेशमी वस्त्रों का निर्यात करके , जिसकी दुनिया भर में बहुत ज्यादा मांग थी,अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की थी

इसके साथ ही हम ऐसा वातावरण तैयार करें कि विदेशी निवेशक

अपने देश में निवेश करें , इससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार तो होगा ही , साथ ही देश के नागरिकों को रोजगार भी मिलेगा।

इस प्रकार उपर्युक्त वर्णन से हम पाते हैं कि,

सीमा सुरक्षा, जन सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा सुरक्षित राष्ट्र के तीन आधार स्तंभ हैं।

हिन्दी भाषी कवि
रौशन कुमार "प्रिय"
माता - श्रीमती संजू देवी,
पिता - श्री शिवनंदन सिंह,
गांव - सोंधी, पोस्ट - शरमा, जिला लखीसराय

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
trackback

[…] की वीरता और पराक्रम की गाथा राष्ट्र सुरक्षा स्लीवलेस गुरु गोबिंद सिंह नीरा […]

1
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x