मेरा जन्मदिन
28 जुलाई 2020 जन्मदिन है आज मेरा। बहुत कोशिश करती हूं हर बार कि कुछ स्पेशल ना लगे। साधारण दिन जैसा बन कर रह जाए बस। पर कहां, मेरे स्टूडेंट कहां रहने देते हैं। 12:00 बजे से ही फोन पर मैसेज आने शुरु। कुछ ने तो रात को ही व्हाट्सएप स्टेटस लगा डाले थे।
सुबह
बेटे ने उठाकर विश किया। मन को तसल्ली सी मिली, चलो दिखावा ही सही, पर विश तो किया। सुबह उठी भी नहीं थी, कि गुड़िया की कॉल ने जगा दिया, मम्मी जन्मदिन मुबारक हो। सच सुबह बहुत प्यारी लगी। फिर तो नेट ऑन करते ही जो मैसेजेस और बधाई संदेशों की धुआंधार बारिश हुई कि उफ। मेरे सभी स्टूडेंट्स, नए पुराने, सब का इतना सुंदर सुंदर बखान पढ़कर, मन आत्मा विभोर हो गया।
स्कूल मे
खैर तैयार होकर स्कूल गई। लेडिज स्टाफ बोला बड़े सुंदर लग रहे हो। मैंने कहा 47 की जो हो चली। फिर क्या था जो सेल्फी और हग मिले। पूरा दिन यही सब चलता रहा। तभी लास्ट ईयर पास आउट सूरज का फोन आया मैम हम केक लेकर स्कूल आ रहे। जबरदस्ती उनको मना किया, स्टाफ मेंबर सारे तो ऐसे नहीं ना जो इस सम्मान को समझ पाएं। तभी मेरे हस्बैंड का फोन आया तेरी बेटी ने केक और सूट ऑर्डर कर रखा है। यह बेटियां क्यों मां बन जाती है। आंखें बरसते-बरसते रह गई। स्कूल में भी पूरा दिन फोन बजता रहा।
शाम को
घर आई ही थी कि सूरज और उसके साथ दो और स्टूडेंट केक और गिफ्ट के साथ आ पहुंचे। कभी-कभी छोटे-छोटे पल दिन बना देते हैं। उनके जाने के बाद भी शुभकामनाओं का दौर चल ही रहा था कि एक इंस्टाग्राम फ्रेंड ने केक और चॉकलेट भिजवा दी। ओ माय गॉड मैं इतनी भावुक हो चली कि शाम होते-होते माइग्रेन का दर्द शुरू हो चला। ज्यादा खुश भी नहीं होना चाहिए ना। सब को थैंक्स और स्माइल दे दे कर थक गई थी कि गुड़िया के फ्रेंड्स ओर रिलेटिव्स के मैसेज और कॉल शुरू। फिर बेटे का लाया हुआ केक कट किया।
भगवान जी को धन्यवाद दिया इतने अप्रत्याशित दिन के लिए। और फोन ऑफ करके सोने की कोशिश की पर रात में दर्द इतना बढ़ गया कि वोमिट शुरू। अगले दिन की छूटी लेनी पड़ी।
[…] मेरा जन्मदिन उठ खड़ी है फिर से […]
[…] की व्यथा मेरा जन्मदिन उठ खड़ी है फिर […]