ईशा योग केंद्र
ईशा योग केंद्र कोयंबटूर में वेल्लिंगिरी पहाड़ों की तलहटी में स्थित है। यह ईशा फाउंडेशन का मुख्यालय है। यह स्थान आत्म-परिवर्तन के लिए एक पवित्र जगह है।
आश्रम में रहने का अद्भुत अनुभव है। यहां बहुत ही शांति है। अगर आप एक दिन के लिए जहां आए है तो आप, आदि योगी के दर्शन के साथ-साथ सूर्यकुण्ड, ध्यानलिंग, लिंग भैरवी के दर्शन भी कर सकते है। आपको आसिम शांति का अनुभव होगा। शाम को Light और Sound का शो आप जरूर देखें जो बहुत अद्भुत है। इस 3डी लेजर शो में दर्शाया जाता है कि कैसे आदियोगी ने मानवता को योग विज्ञान की दिया है।
Light और Sound का शो का समय शाम 7 बजे से है।
सैलानियों के लिए हमारे सुझाव
- आप कॉयंबतुर से ईशा तक सरकारी बस का प्रयोग करें, जो कि गांधीपुरम बस स्टेशन से आपको आसानी से मिल जाएगी। आप टैक्सी में भी जा सकते है लेकिन ये आपको बहुत महंगा पड़ेगा।
- अगर आप रात को रुकना चाहते है, तो हमारा सुझाव है कि आप कॉटेज बुक कर लें। आप कॉल (04222515470/71) कर के या ईमेल (ishastay@ishafoundation.org) कर के कॉटेज बुक कर सकते है। बेहतर होगा इसकी तैयारी आप एक दो हफ़्ते पहले कर ले। नहीं तो हो सकता है आपको कॉटेज ना मिले। अगर आपका कॉटेज बुक है तो आप निश्चिंत हो कर Light और Sound शो का आनंद ले सकते है।
- कॉटेज और मंदिर वाली जगह से आधी योगी तक आने के लिए ई रिक्शा ओर वैल गाड़ी की सुविधा उपलब्ध है। अगर आप चाहो तो पैदल भी जा सकते है इसके बीच की दूरी 500 मीटर के लगभग होगी।
आदियोगी
आश्रम में शिव की एक विशाल प्रतिमा को आदियोगी के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘प्रथम योगी’ क्योंकि शिव को योग के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है। ये प्रतिमा ही लोगों के आकर्षण का महत्वपूर्ण केंद्र है। मूर्ति की ऊंचाई, 112 फीट, योग संस्कृति में वर्णित मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति पाने के 112 तरीकों का प्रतीक है। संख्या मानव शरीर में 112 ऊर्जा बिंदुओं का भी प्रतिनिधित्व करती है। आदि योगी की यह प्रतिष्ठित प्रतिमा 150 फीट लंबी, 25 फीट चौड़ी और लगभग 500 टन स्टील से बनी है।
आदि योगी के गले में दुनिया की सबसे बड़ी रुद्राक्ष माला है। जिसमें 100,008 रुद्राक्ष के मनके है। मनके बारह महीने तक दिव्य ऊर्जा में डूबे रहते हैं, और प्रत्येक महाशिवरात्रि के अवसर पर ये मनके भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाते है।
ध्यानलिंग
आश्रम में एक ध्यानलिंग भी है, जो एक अद्वितीय और शक्तिशाली ऊर्जा-रूप है। जो बिना खंभे के 250,000-ईंट गुंबद की संरचना में है। ध्यानलिंग की ऊंचाई 13 फीट 9 इंच है। मंदिर के सामने, नंदी की एक मूर्ति है। हर हफ्ते, हजारों लोग इस अनूठे ध्यान केंद्र में आंतरिक शांति और भलाई की तलाश में जुटते हैं और ध्यान लगाते है।
ध्यानलिंग के लिए सुबह 6 बजे – शाम 8 बजे का समय है।
लिंग भैरवी
लिंग भैरवी मंदिर, एक अत्यंत शक्तिशाली स्त्री ऊर्जा रूप है जो समृद्धि और कल्याण चाहने वाले लोगों के लिए बहुत ही संवेदनशील है। लिंग भैरवी मंदिर के लिए 6. 30 पूर्वाह्न – दोपहर 1 बजे और शाम 4 बजे – 8 बजे।
[…] ईशा योग केंद्र […]
[…] ईशा योग केंद्र […]
[…] ईशा योग केंद्र […]
[…] 23 मार्च बच्चे को Genius कैसे बनाएं? ईशा योग केंद्र आईए मातृत्व को समझें। नीरा आर्य […]