सच्चाई
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “सच्चाई”, सत्य के मार्ग में, बाधाएं हजार आती है।रुकावट एक बार नहीं, बार-बार आती है।।
An Online Journal
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अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “सच्चाई”, सत्य के मार्ग में, बाधाएं हजार आती है।रुकावट एक बार नहीं, बार-बार आती है।।
जतीन चारण द्वारा रचित कविता “वाकिफ”, अब मैं उससे पूरी तरह वाकिफ हो चुका हूं,कुछ कहा नहीं लेकिन खुदा हाफिज हो चुका हूं।
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “हौसला बेमिसाल रखती हूँ “, बचा कुछ नहीं ,सब टूटा-टूटा बिखरा है फिर भी न जाने क्यों,उसे दिल से लगाए रखती हूँ।
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “मैं तुम्हारी पत्नी हूँ”, मेरी ही तरह ,मेरी आवाज के नीचे, तुम्हारी अवाज दब जाएगी पर क्या फायदा।।
“मीनाक्षी कौर” द्वारा रचित कविता “मसला कुछ भी नहीं हमारे दरमियान “,आज हालात इतने बिगड़े है कि घर को घर नहीं, मैदाने जंग बना रखा है
निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “प्रेम”,जी भर ना दीदार हुआ हैबेशक उसका मुद्दत से।लेकिन उसको चाहा है,मैने बड़ी ही शिद्दत से।।
निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “आयुर्वेद का दीप जलाएँ”,आभूषण है वृक्ष धरा के, आओ धरती का श्रंगार करें। हर घर में एक पौधा रोपें, और प्रकृति से प्यार करें।।
निर्दोषकुमार “विन” द्वारा रचित कविता “कुछ याद नहीं”, जीवन परीक्षा शुरू हो गयी, मै लिखने में अभी दक्ष नहीं। काँपी राइट जो कर सकूँ, ऐसा मिला है मुझको कक्ष नहीं
जतीन चारण द्वारा रचित कविता “हर बेटी की पुकार”, इस हद तक चला जाएगा इंसान। भगवान ने भी नहीं सोचा था। इतना बुरी तरह से गिर जाएगा इंसान,
जतीन चारण द्वारा रचित कविता “दुनिया का अंत नजदीक”, यह मौत का काला बादल आ रहा है।हर जगह बस अंधेरा ही छा रहा है।लगता है दुनिया का अंत नजदीक आ रहा है।।