वीर सावरकर
कालापानी की सजा इतनी ज्यादा भयानक थी कि उन्हें आत्महत्या के ख्याल आते। वीर सावरकर कालापानी में कैदियों को समझाते थे कि धीरज रखो, एक दिन आएगा जब ये जगह तीर्थस्थल बन जाएगी। वो एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, लेखक और राजनीतिक विचारक थे।
An Online Journal
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कालापानी की सजा इतनी ज्यादा भयानक थी कि उन्हें आत्महत्या के ख्याल आते। वीर सावरकर कालापानी में कैदियों को समझाते थे कि धीरज रखो, एक दिन आएगा जब ये जगह तीर्थस्थल बन जाएगी। वो एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, लेखक और राजनीतिक विचारक थे।
गुलाब कौर! स्वतंत्रता आंदोलन की एक भूली-बिसरी शख्सियत, एक ऐसी महिला जिसने देश की आजादी के लिए लड़ने के लिए अपने पति को छोड़ दिया। वह थी “गुलाब कौर”।
एक ऐसी महिला जिसने भारत को आजाद करने के लिए खतरों का जीवन चुना। वो महिला थी, दुर्गा देवी वोहरा। जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘दुर्गा भाभी’ कहा जाता था।
स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे युवा नेताओं में से एक, खुदीराम बोस का उनकी निडर भावना के लिए बंगाल में बहुत सम्मान किया जाता है। एक सदी बीत चुकी है, लेकिन आज भी यह नाम सुनते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते है।