भारत माता के सपूत
रोहताश वर्मा ‘मुसाफिर’ द्वारा रचित कविता “भारत माता के सपूत”, समर्पित है जिन्होंने भारत माता की आजादी के लिए स्वयं को न्यौछावर किया था। Thriving Boost
An Online Journal
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रोहताश वर्मा ‘मुसाफिर’ द्वारा रचित कविता “भारत माता के सपूत”, समर्पित है जिन्होंने भारत माता की आजादी के लिए स्वयं को न्यौछावर किया था। Thriving Boost
“सुनील कुमार” द्वारा रचित कविता ‘खंडित कभी न हो हिंद की अखंडता। दिल में था बस एक ही अरमान। मां भारती के वीर सपूतों को शत-शत प्रणाम’।।
रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “संस्कृति – देश की पहचान”, तुम लड़ते हो भाई- भाई में उसने दुश्मन को सम्मान दिया।
“अचल ठाकुर” द्वारा रचित कविता “हिन्दू”, वे सोमनाथ प्रहारों को जिन्हे, आज भी भारत भूला ना । उन दिल्ली नरसंहारों पर, जब खून तुम्हारा खौला ना ।
देशभक्ति शायरी देशभक्ति या राष्ट्रीय गौरव प्रेम, भक्ति की भावना और मातृभूमि के प्रति लगाव की भावना और अन्य नागरिकों के साथ जोड़ता है जो समान भावना साझा करते हैं। यह लगाव जातीय, सांस्कृतिक, राजनीतिक या ऐतिहासिक पहलुओं सहित, अपनी मातृभूमि से संबंधित कई अलग-अलग भावनाओं का संयोजन हो सकता है। देश प्रेम की इन […]