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शिवाजी की कविताएं

सच्चाई

अभिषेक श्रीवास्तव "शिवाजी" द्वारा रचित कविता "सच्चाई", सत्य के मार्ग में, बाधाएं हजार आती है।रुकावट एक बार नहीं, बार-बार आती है।।
हिन्दी कविता

हौसला बेमिसाल रखती हूँ

"मीनाक्षी कौर" द्वारा रचित कविता "हौसला बेमिसाल रखती हूँ ", बचा कुछ नहीं ,सब टूटा-टूटा बिखरा है फिर भी न जाने क्यों,उसे दिल से लगाए रखती हूँ।

मैं तुम्हारी पत्नी हूँ

"मीनाक्षी कौर" द्वारा रचित कविता "मैं तुम्हारी पत्नी हूँ", मेरी ही तरह ,मेरी आवाज के नीचे, तुम्हारी अवाज दब जाएगी पर क्या फायदा।।
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मसला कुछ भी नहीं हमारे दरमियान 

"मीनाक्षी कौर" द्वारा रचित कविता "मसला कुछ भी नहीं हमारे दरमियान ",आज हालात इतने बिगड़े है   कि घर को घर नहीं, मैदाने जंग बना रखा है 
हिन्दी कविता प्रेम

प्रेम

निर्दोषकुमार "विन" द्वारा रचित कविता "प्रेम",जी भर ना दीदार हुआ हैबेशक उसका मुद्दत से।लेकिन उसको चाहा है,मैने बड़ी ही शिद्दत से।।
हिन्दी कविता आयुर्वेद

आयुर्वेद का दीप जलाएँ

निर्दोषकुमार "विन" द्वारा रचित कविता "आयुर्वेद का दीप जलाएँ",आभूषण है वृक्ष धरा के, आओ धरती का श्रंगार करें। हर घर में एक पौधा रोपें, और प्रकृति से प्यार करें।।
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क्या लिखूँ ? कुछ याद नहीं

निर्दोषकुमार "विन" द्वारा रचित कविता "कुछ याद नहीं", जीवन परीक्षा शुरू हो गयी, मै लिखने में अभी दक्ष नहीं। काँपी राइट जो कर सकूँ, ऐसा मिला है मुझको कक्ष नहीं