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कविता और शायरी

“तू बहन नहीं ! देवी स्वरूप”

रौशन कुमार 'प्रिय' द्वारा रचित कविता "तू बहन नहीं ! देवी स्वरूप", ख्वाहिश   हो   हर   तेरी    पूरी। मगर  समझना  तू  भी मज़बूरी
नारी आधारित कविता

नारी की व्यथा

"नारी की व्यथा" एक कविता दीपा गोमी की डायरी से। देहदान का निश्चय भी आज मन में ठहर गया,अपनी इच्छा का सम्मान फिर से जैसे ढह गया।
नारी की व्यथा

उठ खड़ी है फिर से

"उठ खड़ी है फिर से" एक व्यथा दीपा गोमी द्वारा रचित। टूटी वह भी है ,कौन जानता है। बिखरी कितनी दफा, उसका मन पहचानता है।