दुनिया में दो तरह के लोग होते है, एक वो जो कहीं जाते है और कहते है, लो मैं आ गया। दूसरे वो जो कहीं जाते हैं तो लोग कहते है, देखो वो आ गया। हम में से अधिकतर लोग दूसरी श्रेणी में रहना चाहते है। तो उसके लिए आपको लोगों के दिलों को जितना पड़ेगा। लोगों के दिलों को जितना भी एक कला है, जो हर कोई सीख सकता है। आइए देखते है कैसे?
How to talk to Anyone
ये लेख How to Talk to Anyone किताब से लिया गया है जिसके लेखक लील लॉन्डेस एक अमेरिकी संचार विशेषज्ञ हैं इस किताब में दिया गया हर एक तरीका आम लोगों से जुड़ा है, अगर आप नहीं जानते कि किसी से कैसे बात करें? तो आपको इसे जरूर पढ़ना चाहिए। जिससे आप को इसे व्यवहार में लाने में आसानी होगी। किताब में दिए गए कुछ तरीके इस प्रकार से है।
बिना बोले कैसे दिखें प्रभावशाली?
बहुत से लोग ऐसे होते है, जो अपने हावभाव से ही लोगों के सामने आपनी बातें रख देते है। हमे ज्यादातर ये अंदाजा नहीं होता कि लोग हमें किस नजरिए से देखते होंगे। किताब की लेखिका की एक सहेली है केरेन, जो एक Furniture Design कंपनी में एक अच्छे पद पर कार्य करती है। कम्पनी में उनकी एक अच्छी पहचान है। लेकिन केरेन को लगता है कि जब वो कहीं बाहर होती है तो खुद को बिल्कुल अकेला महसूस करती है। हम में से भी बहुत सारे लोगों को यही लगता होगा। इस समस्या से निपटा जा सकता है। बस आपको कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखना है।
मुस्कुराहट
जी हां आपके पूरे व्यक्तित्व की पहचान ही आपकी मुस्कुराहट से होती है। मुस्कुराहट एक ही प्रकार की नहीं होती है। अलग अलग अवसरों पर आपको एक अलग मुस्कुराहट देनी होती है, जो उस अवसर के सन्दर्भ में सटीक बैठती हो। आपकी मुस्कान वास्तविक, झूठी, प्रभावशील या मजाक उड़ाने वाली भी होती है।
लेखिका की एक सहेली मिसी, जो अपनी खिलखिलाती मुस्कुराहट से हर किसी का मनोरंजन किया करती थी। अपने पिता के देहांत के बाद जब मिसी ने उनका करोबार संभाला, तो कंपनी के ग्राहकों के साथ एक जरूरी मीटिंग करनी थी। लेखिका भी साथ में थी, उन्हे लगा कि कहीं मिसी की मुस्कुराहट उन ग्राहकों को खलने ना लग जाए। लेकिन जब मिसी ने मुस्कुरा कर बोलना शुरू किया तो, लेखिका के साथ सब लोग हैरान थे। क्योंकि ये वो मुस्कुराहट नहीं थी, जो लोगों का मनोरजन करती थी। वल्कि ये एक सदी हुई मुस्कान थी जो सामने वाले को आप पर भरोसा करने को मजबूर कर देती है। सभी ग्राहक मिसी से बहुत प्रभावित रहे। लेखिका से भी रहा नहीं गया और उन्होंने मिसी से पूछ लिया की उनके जीवन में आए इस शानदार बदलाव का कारण क्या है? तो उनका जवाब था। मेरी मुस्कुराहट।
पहले वो मुस्कुराहट बहुत जल्दी उनके होठों पर आ जाती थी जिससे लोग उन पर हंसते थे। लेकिन अब उसने अपनी मुस्कान को थोड़ा समय दे कर अपने चेहरे पर लेना शुरू किया है। अब आप भी समझ गए होंगे कि आपको भी मुस्कुराते समय थोड़ा समय लेना चाहिए। जल्दबाजी में आती मुस्कुराहट आपके धैर्य में कमी का सूचक है। जिससे सामने वाला व्यक्ति आपकी बात को गंभीरता से नहीं लेगा।
आंखों को करामात।
अक्सर जब हम किसी से मिलते हैं, तो आंखो में ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन आपको बता दें हमारी आंखे वो जादुई अंग है, जो बिना कुछ कहे सामने वाले को अपना मुरीद बना सकती है। मगर उसके लिए आपको आंखो का प्रयोग करना बखूबी आना चाहिए।
अगर आप सामने वाले की आंखो मे आंखे डाल कर उनकी बात सुन रहे हो, तो सामने वाले को लगेगा आप उनकी बातों में रुचि ले रहे हो। हां हमारे समाज में कहीं न कहीं ये भी मानना भी हो सकता है कि किसी की आंखो मे आंखे डाल कर बात करने का अर्थ उस व्यक्ति से असम्मान तरीके से बात करने के बराबर है। मगर ये बात एकदम गलत है। क्योंकि किसी से नजरें मिलाकर बात करने से हमारी बात ज्यादा प्रभावशाली होती है।
ये बात कई विश्वविद्यालयों में शोध से भी साबित हो चुकी है। नज़रों से जुड़ी एक और खास बात है, जो हम ध्यान नहीं देते। वो ये ही कि कई बार हम समूह में खड़े उस व्यक्ति पर ध्यान नहीं देते, जो बोल रहा है। वल्कि हम उस व्यक्ति पर ध्यान देते हैं जिसमे हमे दिलचसपी होती है। इससे जब वो व्यक्ति आपकी तरफ देखेगा तो उसे लगेगा कि आप वक्ता की तरफ नहीं देख कर उसकी तरफ क्यों देख रहे हैं? इससे उसे ये आभास भी ही जाता की शायद आपकी उसमे रुचि है। इस तरकीब का उपयोग कई बार पुलिस भी करती है। वो सवाल किसी ओर से पूछती है, और नजर किसी दूसरे पर रखती है। जिससे आपके हावभाव को पढ़ सके।
कैसे दिखें हर जगह एक विजेता।
आपके खड़े होने में और चलने में आत्मविश्वास दिखना चाहिए। ये ही वो चीज है, जो आपके आते ही लोगों का ध्यान आपकी ओर आकर्षित करती है। लेखिका एक बार अपनी मां के साथ एक बार सर्कस देखने गई थी। वहां उन्होंने देखा कि कुछ लड़के और लड़कियों का समूह है, जो पिरामिड बनाने की कोशिश कर रहा है। लेखिका की मां ने बताया कि ये एक मात्र ऐसा समूह है, जो बिना किसी सुरक्षा जाले के पिरामिड बनाता है। लेखिका ने उस समुह के सभी सदस्यों में एक बात समान पाई! वो थी उनके चलने और खड़े होने का अंदाज़। उन सब को उनके उपर पूरा भरोसा था और उनकी चाल में पूरा आत्मविश्वास दिखाई दे रहा था।
जिससे लेखिका को आभास हुआ कि चाहे किसी व्यक्ति के बारे में हम कुछ नहीं भी जानते है, तो भी उसका चलना और खड़ा होना हम बहुत कुछ बता देता है। तो आत्मविश्वास से भरी चल पाने के लिए आप सीधा होकर और थोड़ा खुल कर चलें। कुछ समय आपको कोशिश करनी पड़ेगी, लेकिन कुछ ही दिनों में ये आपके जहन में आ जाएगा।
कैसे किसी को एक पुराने दोस्त की तरह महसूस करवाएं?
आपके हावभाव से ही लोग ये अंदाजा लगाते है कि आप उनके बारे में क्या सोचते हो? जब भी किसी व्यक्ति से पहली बार मिलें तो सबसे पहले हड़बड़ाहट से बचें। हर किसी से ऐसे मिलें जैसे अपने करीबी से मिल रहे हों। आप अपने मन में ये में कर चलें कि वो व्यक्ति आपका पुराना दोस्त है। इससे आपकी पूरी हड़बड़ाहट पूरी तरह से दूर हो जाएगी। साथ ही वो व्यक्ति भी आपके साथ अच्छे से सहज हो जाएगा। क्योंकि वो भी तो आपके साथ पहली बार ही मिल रहा है।
अगर आप सामने वाले व्यक्ति को ये महसूस करवा देते हो कि आप एक करीबी दोस्त की तरह हो तो वो बहुत जल्द आपके करीब आ जाएंगे। हां आप ये नहीं बोल सकते कि आप उनके पुराने दोस्त है। आपको बस एहसास करवाना होता है। हां इसमें झूठ का सहारा ना लें। झूठ बोलते ही हमारे हावभाव बदलने लगते है या हम असहज हो जाते है। अपने चेहरे पर हाथ या खाज खुजली से बचें। अपनी पलकें बार बार न जपकाएं। ज्यादा इधर उधर न देखें।
कैसे जाने लोगों के मन की बात?
आपको लोगों के हावभाव देख कर पता लगाना पड़ेगा कि वो आपकी बात सुनना चाह रहे है या नहीं। क्या वो आपकी बात सुन कर खुश है? क्या वो सर हिला रहे है? क्या वो सहज है? या वो आपकी ओर न देख कर दूसरी ओर देख रहे है। इसलिए जब भी किसी व्यक्ति से बात कर रहे हो तो उस व्यक्ति पर नज़र डालें। आपको पता चलेगा कि को बात आप उस से कर रहे हैं वो उसे प्रभावित कर रही है या नहीं। ध्यान से देखने पर आप ये आसानी से जान पाओगे।
अगर आपको महसूस होता है कि शायद आपकी बातें उन्हे पसंद नहीं आ रही है, तो उसी क्षण कुछ ओर बातें शुरू करें। इस तरह से आप उन बातों से बच सकते है जो सामने वाले को आपसे दूर कर सकती है।
चीजों को करने से पहले महसूस करें।
किसी भी काम को करने से पहले आप उसे अपने दिमाग में अच्छे से सोच के रख लें। आप उस कार्य को किस तरह से करने वाले है, इस चीज को बार बार अपने दिमाग में सोचें। इस प्रक्रिया को बार बार दिमाग में दोहराने से आपका शरीर उस कार्य को करने के लिए आदी हो जाएगा। आप हमेशा ये सोचें की आप लोगों से बात करने में बेहद सहज है। आप हमेशा आत्मविश्वास के साथ चलते है और लोगों को बेहद ध्यान से देखते है। जब आप बार-बार ये चीजें सोचेंगे तो कुछ ही दिनों में आपका दिमाग वो चीजें अपना लेगा और फिर आपका शरीर भी इसके अनुसार ही कार्य करने लगेगा।
Hi के बाद क्या कहें?
जिस तरह आपकी पहली झलक सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित करती है, उसी तरह आपके पहले शब्द भी सामने वाले व्यक्ति प्रभावित करने चाहिए। आपके ये पहले शब्द ही तय करते हैं कि सामने वाला आपसे कितनी और क्या बात करेगा?
जब भी किसी से बात करें तो एक बार बात करने से पहले सामने वाले की मानसिक स्थिति के बारे में एक सामान्य सा idea लगा लें। फिर उनकी रुचि के अनुसार बात करने का विषय चुने।
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, कि आप क्या कहते है? फर्क इस बात से पड़ता है कि आप कैसे कहते हैं?
लोगों को बात करने के लिए कैसे आकर्षित करें?
आप कहीं लोगों के बीच में जाएं तो कुछ ऐसा पहन के जाएं जिसके बारे में लोग आपसे पूछने के लिए मजबूर हो जाएं। या जिस व्यक्ति को भी आकर्षित करना चाहें। उसे आकर्षित करने वाले कपड़े पहने।
एक स्थिति ये भी हो सकती है कि आप जिससे बात करना चाहें, वो आपसे बात न कर रहा हो। तो आप अपने किसी करीबी को उनसे पहचान करवाने को बोल सकते हो, जो आप दोनों को जानता हो। फिर आप उनसे ओर बाते करके अपनी वार्तालाप को आगे बढ़ा सकते हो।
अगर आप के पास उपर बताए गए तरीकों मे से कोई भी तरीका आपकी रुचि के व्यक्ति से बात करने में कारगर सिद्ध नहीं हो रहा है तो आप क्या करेंगे? ऐसे में आपको उस समुह के साथ जा कर खड़े हो जाना है, जहां वो व्यक्ति बात के रहा है। फिर उन्हे सुनना है और जब भी कोई ऐसा विषय सुनाई दे जिसमे आप सहज महसूस करते हों। तो तुरंत उस समुह की तरह मूड कर कहिए। माफ़ कीजिएगा, में खुद को आपकी बातें सुनने से रोक नहीं पाया। दरअसल मुझे इस विषय में बहुत रुचि। क्या हम इस विषय में ओर बात कर सकते हैं? इसके साथ अब आप भी इस समूह का हिस्सा हो, अब आप अपनी रुचि के व्यक्ति से भी बात कर सकते हो।
आपके बारे में पूछे जाने पर कैसे दें बेहतरीन जवाब?
जैसे कि मान लीजिए आप खजियार के रहने वाले है। तो आपसे कोई पूछे कि आप कहां से हो? ऐसे में आप कह सकते हो में भारत के मिनी स्विट्जरलैड यानी कि खजियार का रहने वाला हूं। इसी तरह आप पूछने वाले की रुचि के अनुसार अपनी जगह के साथ वहां की speciallity के बारे में बता सकते हो।
इसी तरह अगर आपसे कोई पूछे कि आप क्या करते हो? तो आप इसे भी थोड़ा intresting बना कर बोल सकते हो।
किसी की पहचान कैसे करवाएं?
किसी भी व्यक्ति की पहचान सिर्फ उसका नाम बता कर नहीं करनी चाहिए। इसमें आपको कुछ दिलचस्प और विशेष बातें भी जोड़नी चाहिए। ताकि उन दोनों व्यक्तियों को आगे बात करने में सुविधा हो। इससे दोनों ही व्यक्ति आपके इस व्यवहार से प्रभावित भी होंगे।
संक्षेप में
इसके अलावा “किसी से कैसे बात करें” किताब, रिश्तों में बड़ी सफलता के लिए 92 छोटी युक्तियाँ” उन व्यक्तियों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है जो अपने संचार कौशल में सुधार करना चाहते हैं और सार्थक संबंध स्थापित करना चाहते हैं।
यह पुस्तक आकर्षक और व्यावहारिक तरीके से प्रस्तुत की गई तकनीकों और रणनीतियों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है। किताब वाकई अद्भुत है, यह आपसे जुड़ती है। लेखक प्रत्येक बिंदु को बेहतरीन उदाहरणों से समझाते हैं।
लेखक के बारे में
लील लॉन्डेस एक अमेरिकी संचार विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कई निगमों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में भाषण दिया है। वह अतिथि संचार विशेषज्ञ के रूप में नियमित रूप से टीवी पर दिखाई देती हैं। संचार के बारे में उनका ज्ञान उनके जीवन के विभिन्न चरणों में उनके अपने अनुभवों से प्राप्त हुआ है।
उनके काम को वॉल स्ट्रीट जर्नल, टाइम और शिकागो ट्रिब्यून सहित कई मीडिया हाउसों ने सराहा है। वह हाउ टू इंस्टेंटली कनेक्ट विद एनीवन: 96 ऑल-न्यू ट्रिक्स फॉर बिग सक्सेस इन रिलेशनशिप, हाउ टू फील कॉन्फिडेंट: सिंपल टूल्स फॉर इंस्टेंट सक्सेस एंड हाउ टू मेक एनी फॉल इन लव विद यू: 85 प्रूव्ड टेक्निक्स फॉर सक्सेस जैसी किताबों की लेखिका हैं।