
करवा चौथ
“करवा चौथ” एक गर्व की अनुभूति दीपा गोमी की डायरी से। व्रत रखती तो मैं भी हूं पर इसलिए नहीं कि पति की आयु लंबी हो, वह दीर्घायु हो।
An Online Journal
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“करवा चौथ” एक गर्व की अनुभूति दीपा गोमी की डायरी से। व्रत रखती तो मैं भी हूं पर इसलिए नहीं कि पति की आयु लंबी हो, वह दीर्घायु हो।
“अध्यापक दिवस” एक गर्व की अनुभूति दीपा गोमी की डायरी से। आज उम्मीद नहीं थी कि उनमें से कोई विश करेगा, किंतु ऑनलाइन संदेशों से लेकर फोन कॉल तक करने का जो सिलसिला शुरू हुआ। मैं बता नहीं सकती।
“स्लीवलेस” एक आपबीती दीपा गोमी की डायरी से। आज भी पहन कर बाहर निकलने में बड़ी हिम्मत जुटानी पड़ी। दिल धाड धाड हो रहा था।
“नारी की व्यथा” एक कविता दीपा गोमी की डायरी से। देहदान का निश्चय भी आज मन में ठहर गया,अपनी इच्छा का सम्मान फिर से जैसे ढह गया।
“मेरा जन्मदिन” दीपा गोमी की डायरी से। बेटे ने उठाकर विश किया। मन को तसल्ली सी मिली, चलो दिखावा ही सही, पर विश तो किया। सुबह उठी भी नहीं थी, कि गुड़िया की कॉल ने जगा दिया।
“उठ खड़ी है फिर से” एक व्यथा दीपा गोमी द्वारा रचित। टूटी वह भी है ,कौन जानता है। बिखरी कितनी दफा, उसका मन पहचानता है।
9 दिन मैं शराब नहीं पीऊंगा। मांस नही खाऊंगा। शेव भी नही करूँगा। रोज सुबह जल्दी उठूंगा, नारी के नौ देवी रूपों की 9 दिन पूजा करूँगा। दसवें दिन उसी स्त्री पर टूट पड़ेंगे नौ दिन जिसकी पूजा में कसीदे गा रहे थे