पाखी और प्रयन की दोस्ती 

एक कहानी

पाखी

Lake

पाखी  एक शांत झील थी, जो पहाड़ियों के बीच अपनी मधुरता में खोई रहती थी। उसकी सतह पर हर सुबह सूरज की किरणें बिखरतीं और उसे सोने की तरह चमकदार बना देतीं। उसे अपने आसपास के वातावरण से इतना प्रेम था कि वह कभी नहीं चाहती थी कि कोई उसे परेशान करे।

प्रयन

वहीं, प्रयन एक राहगीर था, जो हर रोज़ नई जगहों की तलाश में घूमता रहता। उसकी जिंदगी में कोई ठहराव नहीं था। वह एक दिन पाखी झील के पास पहुंचा। झील की सुंदरता ने उसे आकर्षित किया और उसने वहीं कुछ देर ठहरने का निर्णय लिया।

राहगीर

पाखी ने पहले तो प्रयन को देखा, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। प्रयन ने झील के किनारे बैठकर अपने विचारों को सहेजना शुरू किया। धीरे-धीरे, वह झील की शांति और उसकी गहराई में खो गया। पाखी को भी यह महसूस होने लगा कि प्रयन उसकी तरह ही एकांतप्रिय है, जो अपनी दुनिया में खोया रहता है।

पाखी और प्रयन की दोस्ती

कुछ दिनों के बाद, प्रयन रोज़ पाखी के पास आने लगा। वह झील के किनारे बैठता, उसकी लहरों को देखता और अपने मन के विचारों को शांत करता।  पाखी ने भी प्रयन को अपनाना शुरू कर दिया। वह उसकी उपस्थिति से अब घबराती नहीं थी, बल्कि उसे अपने एकांत का हिस्सा मानने लगी थी।

झील और राहगीर

दोनों के बीच एक अनकहा संबंध बन गया था। प्रयन के मन की बेचैनी अब पाखी  की गहराई में समा जाती, और पाखी की शांति प्रयन के दिल को सुकून देती। उनके बीच कोई संवाद नहीं होता था, लेकिन दोनों एक-दूसरे की मौन भाषा को समझने लगे थे।

इस तरह, पाखी और प्रयन की दोस्ती एक अनकही और अनछुई भावना पर आधारित थी। यह दोस्ती न तो किसी शर्त पर टिकी थी और न ही किसी अपेक्षा पर। यह बस दो आत्माओं का मिलन था, जो एक-दूसरे में खुद को पा लेती थीं।


Name – Anjaan
Nick name- Prayan

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