कोरोना महामारी के बारे मे तो आप सब जानते ही होगें। कैसे पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था गुटनों पर आ गयी थी। लाखों लोग मारे गए। लगभग एक बर्ष से बड़ी-बड़ी कंपनियां कोरोना की वेकसीन बनाने मे जुटी है। अब जाकर कुछ एक ने सफलता प्राप्त की है। लेकिन चुनौतियाँ खत्म नहीं हुई है।
आपको वैक्सीन कब तक मिलेगी ?
अब सवाल उठता है पहले ये वेकसीन मिलेगी किसे। इस संधर्व मे भारत के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य है कि अगस्त 2021 तक 300 मिलियन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिस व्यक्ति पर संदेह है या जिसे COVID-19 है, उसे 14 दिनों तक इंतजार करना होगा क्योंकि टीकाकरण स्थल पर दूसरों को वायरस फैलाने के जोखिम से बचने के लिए लक्षण समाप्त होने के बाद टीकाकरण करना होगा।
प्रारंभिक चरण में, 30 मिलियन व्यक्तियों को वैक्सीन प्रदान की जाएगी जिसमें स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंट-लाइन कार्यकर्ता को प्राथमिकता दी जाएगी। 50 से अधिक आयु वर्ग का टीकाकरण उपलब्धता के आधार पर जल्दी शुरू किया जाएगा।
ऑनलाइन पंजीकरण
टीकाकरण के लिए, ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है। इसके बाद, पात्र लाभार्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर निकटतम टीकाकरण सुविधा, और टीकाकरण की तारीख और समय के बारे में सूचित किया जाएगा।
पंजीकरण के समय एक सरकारी मान्यता प्राप्त फोटो पहचान पत्र दिखाना होगा। टीके की सभी खुराक प्रशासित होने के बाद, लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड-आधारित प्रमाण पत्र भी भेजा जाएगा।
टीकाकरण होगा चुनौतीपूर्ण
भारत के पहले सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में टीकों का वितरण एक चुनौतीपूर्ण काम साबित हो सकता है। इसके लिए भारत को कोल्ड चेन क्षमता के विस्तार की आवश्यकता होगी। विशेष रूप से देश के कुछ अधिक घनी आबादी वाले हिस्सों में, जहां इस तरह का बुनियादी ढांचे गंभीर रूप से सीमित है। इसके लिए भारत के मौजूदा वैक्सीन वितरण नेटवर्क का विस्तार करने की भी आवश्यकता होगी, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट ने कुछ साल पहले हरी झंडी दिखाई थी।
राज्यों से कहा गया है कि वे किसी भी COVID-19 वैक्सीन से संबंधित दुष्प्रभावों से निपटने के लिए व्यवस्था करना शुरू कर दें, क्योंकि जनता के बीच सुरक्षित वैक्सीन वितरण करना एक चुनौती है।
वैक्सीन वितरण नेटवर्क
भारत का वैक्सीन वितरण नेटवर्क करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में चार सरकारी मेडिकल स्टोर डिपो (GMSD ) के माध्यम से संचालित होता है। ये डिपो, निर्माताओं से टीके खरीदते है। लगभग 53 राज्य वैक्सीन स्टोर अपनी आपूर्ति या तो इन GMSD से या सीधे निर्माताओं से प्राप्त करते हैं। राज्य वैक्सीन स्टोर फिर insulated वैन के माध्यम से क्षेत्रीय , जिला और उप-जिला स्तर के कोल्ड चेन पॉइंट को टीके वितरित करते हैं।
WHO-UNICEF 2018 द्वारा वैश्विक विश्लेषण के अनुसार प्रभावी वैक्सीन प्रबंधन पर 89 देशों के बीच भारत 51-75 प्रतिशत के दायरे में आता है। जो कि बहुत बेहतर तो नहीं है लेकिन भारत सरकार इस विषय को लेकर सतर्क है और इस पर काम कर रही है।