कटु सत्य
जब तक जिंदा है तब तक किसी ने कर्द ना की, अब जब गुजर गए तो सभी हाल पूछने लगे। जब हम जिंदा थे तो कोई देखना भी नहीं चाहता था, आज कफन हटा कर हमसे सवाल पूछने लगे। जब टूट गया तो कोई साथ देने नहीं आया, आज मर गया तो क्या हुआ, कैसे हुआ, हर कोई यही सवाल पूछने लगे।
वक्त का पहिया इस तरह चल जाएगा सोचा नहीं था, कोई अपना हमारे जज्बातों से खेल जाएगा सोचा नहीं था; अब हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है, हमने अपने आपको समझ लिया। हमने महसूस किया अपने लिए, अपनों से लड़ना पड़ता है। और आदमी अच्छा था, यह सुनने के लिए मरना पड़ता है।
रचीयता
✍जतीन चारण
[…] ✧ कटु सत्य✧ माँ हर बेटी की पुकार […]