सच्चाई
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “सच्चाई”, सत्य के मार्ग में, बाधाएं हजार आती है।रुकावट एक बार नहीं, बार-बार आती है।।
An Online Journal
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अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “सच्चाई”, सत्य के मार्ग में, बाधाएं हजार आती है।रुकावट एक बार नहीं, बार-बार आती है।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “रौशनी”, ढूंढना चाहा मैंने भी अपनों के बीच अपने आप को,उम्मीद की रोशनी आई, तो देखा कि यहां अंधेरा है।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “मेरे अल्फ़ाज़”, अब हमारे अल्फ़ाज़ को, तुम्हारी तरह पढ़ता कौन है।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “मोहब्बत”, बिखर कर खुद में, खुद को ही ढूंढ रहे हैं।ख्वाबों में उस मंजर को हम भी ढूंढ रहे हैं।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “नई उम्मीद”, सुबह उठ फिर हम नई सूचियां बनाते हैं। शाम होते-होते सूची धूमिल हो जाती है।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “दीवानगी”, बनाई थी मैंने जो, उजड़ गया वह ठिकाना सारा। अब किसके दर जाए यह बेचारा दीवाना प्यारा।।
अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी” द्वारा रचित कविता “चिट्ठी का जमाना”, कितनी भी हो मीलों दूरियां, दिलों को दिलों के करीब लाती थी।