Month: June 2022

हिन्दी कविता मानवता

✧༺मानवता༻✧

जतीन चारण द्वारा रचित कविता “मानवता”, भगवान ने इंसान को नहीं, इंसान ने भगवान को बनाया। अगर भगवान बनाता तो सिर्फ कर्म ही होता। यह जाति और यह धर्म न होता।

मातृत्व को समझें

आईए मातृत्व को समझें।

“मातृत्व” “नारी ईख की तरह है, जो हर हवा के झोंके की तरफ झुक जाती है, लेकिन टूटती नहीं है। जब लोग बार बार लिंग के बारे मे पूछते हैं या सलाहें देते हैं तो इससे माँ को तकलीफ होती है। “नारी ईख की तरह है, जो हर हवा के झोंके की तरफ झुक जाती है, लेकिन टूटती नहीं है।”

हिन्दी कविता माँ

माँ

जतीन चारण द्वारा रचित कविता “माँ”, मैंने वक्त को गुजरते देखा है, बहुतों को बदलते देखा है। बहुतों की जिंदगी में, मां की कमी को खलते देखा है।

हिन्दी कविता

दुनिया का अंत नजदीक

जतीन चारण द्वारा रचित कविता “दुनिया का अंत नजदीक”, यह मौत का काला बादल आ रहा है।हर जगह बस अंधेरा ही छा रहा है।लगता है दुनिया का अंत नजदीक आ रहा है।।

हिन्दी कविता

✧ कटु सत्य✧

जतीन चारण द्वारा रचित कविता “कटु सत्य”, हमने महसूस किया अपने लिए, अपनों से लड़ना पड़ता है। और आदमी अच्छा था, यह सुनने के लिए मरना पड़ता है।