वीर सपूतों को शत्-शत् प्रणाम

“सुनील कुमार” द्वारा रचित कविता ‘खंडित कभी न हो हिंद की अखंडता। दिल में था बस एक ही अरमान। मां भारती के वीर सपूतों को शत-शत प्रणाम’।।