नजरों के नश्तर से दिल घायल होते हैं

रौशन कुमार ‘प्रिय’ द्वारा रचित कविता “नजरों के नश्तर से दिल घायल होते हैं”, नजरों के नश्तर से दिल घायल होते हैं,वे पागल होते हैं, जो याद में रोते हैं।