क्या आप भावनात्मक या मनोवैज्ञनिक रूप Mature हैं???

कौन ज्यादा Mature है ??

ऐसे देखा जाये तो, हम अपने से बडे लोगों को ज्यादा mature समझते है। क्योंकि अपने अनुभव से हर इंसान कुछ न कुछ सीखता है। और जितना वो जीता है उतना वो इस जिंदगी को और इस दुनिया को बेहतर समझता है।

यद्यपि हमारी भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक Maturity का हमारे जीवन में हमारी उम्र से कोई संबंध नही है। क्योंकि इस तरह की Maturity सिर्फ इस तरह के अनुभव से ही नही बचपन के अनुभव से भी बनती है । जिसके कारण एक 10 साल का बच्चा एक 30 साल के आदमी से भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तरीके से ज्यादा Mature हो सकता है।


Maturity का मतलब है। अपने वातावरण के अनुसार कार्य करना और हमेशा अपने आप को बेहतर बनाना ।


अब हम आपको बताएँगे की आप कैसे पता लगाऐं की आप mature है? या नही । हम आपको आगे दिए गए कुछ मुख्य बिंदुओं पर नजर डालें और खुद को जांचे की आप mature है या नही । या आप में Maturity के कितने लक्षण है। तो आइए देखते है की कैसे होते है Mature लोग? और क्या करते है ?


1 Personal Growth


कोई भी इंसान जो Mature होता है । लगातार अपनी personality को बेहतर बनाता है। क्योंकि ये एक रबर की तरह लचीली है। तुम इसे कितना भी बेहतर बना सकते हो। और Mature लोग हमेेशा बेहतर बनते है।


2 अपने और दूसरों के बीच में boundries बनाते है।


इन्हें अपनी भावनात्मक, जिस्मानी और मानसिक दायरों का पता होता है। जिस से कोई भी इन्हें हेरफेर कर के फायदा नही उठा सकता। Boundries का मतलब है इन्हें पता है कि किन चीजों के लिए हाँ बोलना है। क्या लोगों के साथ share करना है। दूसरों को कितना टाइम देना है और खुद को कितना टाइम देना है।


3 अपनी गलती मान लेते है।


खुद को perfect समझना और अपनी गलती नही मनना ।Immaturity का संकेत है। हमे किसी भी skill को बेहतर बनाने के लिए असफलता का सामना करना ही पड़ता है।


4 कुछ भी बोलने से पहले सोचते है।

ये लोग बहुत सोच समझ कर बोलते है। क्योकि ये जानते है कि किसी भी परिस्थिति में बिना सोचे समझे बोलना हमेशा बुरे परिणाम देता है।


5 समय को समझते है और अहम मानते है।


समय ही आपका सबसे अच्छा मित्र भी है और शत्रु भी। अगर आप समय को समझते हो तो ये सोना है। बस ये याद रखना की एक दिन आप मर जाओगे। ये कथन आपको ज्यादा productive तो बनता है पर इसके साथ आप विनम्र भी बनते हो।


6 अकेले रहने में कोई समस्या नही होती।


हमे हमेशा ये बताया जाता है कि सब के साथ मिलजुल कर इकठे रहो। रिश्ते बनाओ और सामाजिक बनो। पर कोई ये नही बताता की खुद को जानने के लिए अकेले भी रहना चाहिए । अकेले रहने से हमारी क्षमता बढ़ती है। हम खुश भी रहते है और रचनात्मक भी बनते है।


7 आलोचना झेल सकते हो।

आपकी आलोचना होना तय है अगर आप चाहे कुछ अच्छा करो या बुरा करो। क्योकि जब आप उन्नति करोगे तो आपके आलोचक भी बढ़ेंगे।

Mature इंसान जानता है कि एक आलोचक हमे हमारी उन कमियों के बारे में भी बता सकता है जिनसे हम अनजान है।


कवीर जी ने कहा भी था।
जो हमारी निंदा करता है, उसे अपने अधिकाधिक पास ही रखना चाहिए। वह तो बिना साबुन और पानी के हमारी कमियां बता कर हमारे स्वभाव को साफ़ करता है.


8 कोई इंसान अच्छा या बुरा नही होता।


हर किसी के अपने अपने अनुभव होते है, हर किसी की अपनी अपनी सोच होती है। अपनी जगह हर कोई खुद को सही मानता है। किसी भी इंसान को वैसा बनाने में समाज का और उसके आस पास के वातावरण का बहुत बड़ा हाथ होता है।


9 धैर्य होना चाहिए।


हमे अपना सयम कभी नही खोना चाहिए चाहे कितनी भी मुसीबत आये । आप कोई भी काम करते हो तो उसमें धैर्य बहुत जरुरी है तभी आओ सफल हो सकते है।


10 सेहत की परवाह

हमारा शरीर ही मरते धम तक हमारा साथ देता है। हमे इसकी परवाह करनी चाहिए। अगर हम स्बच्छ है तभी कोई भी काम अच्छे से कर सकते है। और इसमें हमारा मानसिक और जिस्मानी दोनों स्वास्थ आते है। हमें मानसिक रूप से भी और जिस्मानी रूप से भी स्वस्थ रहना है।


11 अपनी जिम्मेदारी से नही भागते है।

Mature लोग जिम्मेदारी उठाते है । वो कभी जिम्मेदारी से भागते नही है। हम जितनी जिम्मेदारी उठाते है । उतनी ही हमारी जिंदगी meaningfull बन जाती है।


12 फर्क नही पड़ता की दूसरे लोग क्या सोचते है।

Mature लोग अपनी जिंदगी जीते है अपना काम करते है। वो जानते है सकरात्मकता है तो नकरात्मकता भी होगी ही । दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू है।


13 मुश्किल स्थिति में भी शांत रहना ।

ये एक तथ्य है कि जिंदगी बदलती रहती है। और इसके सभी पहलुओं को स्वीकारने की ताकत सब में नही होती है। और जो ऐसा कर लेते है वो मानसिक रूप से सशक्त बनते है।जीवन समस्याओं से भरा होने वाला है। इसकी स्वीकृति Mature लोगों को शांत रहने और जीवन के अधिक कठिन क्षणों के दौरान अधिक स्पष्ट रूप से सोचने की अनुमति देती है।


समस्याओं को पूरा करने और सुलझाने की पूरी प्रक्रिया वही है जो जीवन को इसके गहरे अर्थ देती है। Mature लोगओ ने यह समझने के लिए आवश्यक भावनात्मक बुद्धिमत्ता की स्थापना की है कि जीवन की कठिनाइयां एक सफलता या असफलता से अलग होने की धार है।


14 Commit कर सकते है।


हमे अपने रिश्तों की संख्या नही, गहरायी बढ़ानी चाहिए। Mature लोग सच्चाई को भीतर से जानने, सुनने और काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे वह कितना भी आहत या तनावपूर्ण क्यों न हो। हमें सच बोलने के लिए तैयार और प्रतिवद होना चाहिए।

15 लोगो को माफ़ करना।


समझदार लोग जानते है कि जब वो किसी से गुस्सा रहेंगे तो वो नकारात्मक ऊर्जा उन्हें भी नुकसान पहुंचाएगी। और किसी को माफ़ कर देना लोगो में आपके व्यक्तित्व को निखारता है।


16 हँसी मजाक करना।

मुश्किलें सभी की जिंदगी में आती है । और निराश होने से उनका और ज्यादा नकारत्मक प्रभाव पड़ता है । तो हमे मुश्किओं के बावजूद भी हँसते मजाक करते रहना चाहिए । ये भावनात्मक Maturity का सबसे अच्छा उदाहरण है।



17 जिंदगी का मकसद समझ आ गया है।


ये सबसे आखरी और जरूरी है। Mature लोग अपनी जिंदगी के मकसद को समझते है। वो बेकार की उलझनों से दूर रहते है। खुद को बेहतर बनाते है।जिंदगी को जीते है। ऊपर के सभी बिंदु इसी एक बिंदु पर आ कर मिलते है।

Maturity हर किसी के लिए एक विकल्प है। आप जितना अधिक महत्व देते हैं। वह उतना ही अधिक जिम्मेदार होता है। मुझे यकीन है कि शायद अन्य संकेत भी हैं, लेकिन इस सूची में कम से कम उनमें से अधिकांश शामिल हैं। मुझे पता है कि हम हमेशा अपने Mature पक्षों को प्रदर्शित करते हुए बेहतर काम कर सकते हैं। मुझे यह भी पता है कि ऐसा करके, हम एक दूसरे को अपने उदाहरण के माध्यम से ऊपर उठाते हैं। हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे व्यवहार के नकारात्मक पक्ष भी है और यह जानने के लिए कि हमें कुछ सकारात्मक करना चाहिए … और वह, मेरे दोस्त, WISDOM है।


तो अब आप को भी पता लग गया होगा की आप कितने Mature है। हमे बताने की जरुरत नही है पर हाँ अगर कुछ कमी है तो Thriving Boost आपको Mature बनाने के लिए आपके व्यक्तिव को निखारने के लिए प्रतिबद्ध है। आप पड़ते रहे और अपने दोस्तों को भी पढ़ाते रहे।
जय हिंद, जय भारत।।

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